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अनुचित काल में स्नेह सेवन से हानि


              (चरक)

   (सुश्रुत)
              स्नेह पान              लक्षण       लक्षण
1- वात - पित्त की अधिकता व ऊष्ण काल मेंमूर्च्छा, पिपासा, उन्माद, कामला
उन्माद, मूर्च्छा, पिपासा
2- (कफ) चारक, (वात - कफ - सुश्रुत) - की अधिककता व शीत काल मेंपाण्डु, अIनाह, अरुचि, शूल

गौरव

अरूचि

शूल