1- रूप वृद्धि के लिए - दूध एवं घी सहित
2- बलवृद्धि के लिए - तिल तैल
3- प्लीहोदर के लिए - कटु तैल
4- कामला, पाण्डु, शोथ - भैंस के दूध + मूत्र
5- गुल्म के रोगो में - एरण्ड तैल
6- कुष्ठ रोगी - खादिर स्वस्थ