
किसी वस्तु का न होना या उसकी अनुपस्थिति अभाव कहलाती है।
संसर्गाभाव - संसर्गाविरोधी अभाव इसके तीन भेद हैं -
1- प्राग्भाव - किसी भी वस्तु की उत्पत्ति होने से पहले उसका अभाव/अर्थात न होना। उदा0- घड़े के बनने के पूर्व उसका अभाव।
2- प्रध्वंसाभाव - किसी भी वस्तु के समाप्त हो जाने के बाद होने वाला उसका अभाव। उदा0- व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसका अभाव।
3- अत्यन्ताभाव - किसी भी वस्तु का पूर्ण या सार्वकालिक अभाव। उदा0- अग्नि में शीतलता का अभाव।
अन्योन्य भाव - दो वस्तुओं की पारस्परिक भिन्नता। उदा0- गाय घोड़ा नहीं है, घर पर नही है।