वातप्रकोप होने पर हितकर उपक्रम
सुश्रुत -
- त्वचा, मास, रक्त, सिरा - रक्तमोक्षण
- स्नायु, अस्थि, संधिगतवात - स्नेह उपनाह, अग्निकर्म , बंधन, मर्दन ।
- शुक्रगत वात - शुकदोष नाशक चिकित्सा
चरक -
- त्वचागत - स्वेद, अभ्यंग, हद्य अन्नपान
- रक्तगत - विरेचन, रक्तमोक्षण
- मांसगत - निरूहबस्त्ति
- अस्थिमज्जIगत - बाहयाम्यान्तर स्नेह
- शुक्रगत - हर्ष अन्नपान , विरेचन