स्नेहपाक - प्रयोग
(चरक) मृदु - नस्य
मध्यम - पान, वस्ति
खर - अभ्यंग
(सुश्रुत) मृदु - पान, भोजनार्थ
मध्यम - सर्वकर्म
खर - वस्ति, कर्णपूरण
(शार्ङ्गधर) मृदु - नस्य
(अ. ह्दय) मन्द - नस्य
चिक्कण - पान, वस्ति
खरचिक्कण - अभ्यंग