
(सुश्रुत)- वमन के 'पक्षाद्' विरेचन - 'ततश्र्चापि' निरुह बस्ति
(15 दिन बाद) (16 th day)
- उसी दिन अनुवासन बस्ति
(अष्टांग हदय)- वमन के 'पक्षाद्' विरेचन - 'पक्षाद्' निरुहबस्ति
- उसी दिन अनुवासन बस्ति
(चरक)-वमन-विरेचन से 9th day घृतपान/अनुवासनबस्ति
तिसरे दिन निरुह बस्ति
उसी दिन अनुवासनबस्ति
(चरक) - विरेचन के 7 दिन तक निरुह बस्ति नहीं देनी चाहिए & vice a versa
(सुश्रुत) & (वागभट्ट)- विरेचन के 7 दिन बाद अनुवासन बस्ति देनी चाहिए