
| (उत्तरवस्ति/पुष्प नेत्र प्रमाण); | (पुरुषों में) |
| * चरक, वागभट्ट, शार्ङ्गधर | 12 अंगुल |
| * सुश्रुत | 14 अंगुल |
(स्त्रियों में) - च. , सु , वा. - 10 अंगुल
(उत्तरवस्ति नेत्र का अग्र छिद्र);
(पुरुष) - सुश्रुत, चरक - संर्षप छिद्र
(स्त्री) - सुश्रुत - मुद्ग छिद्र
| * वस्ति नेत्र में कर्णिकाएँ | * उत्तरवस्ति नेत्र में कर्णिकाएँ |
| चरक - 03 | चरक - 02 |
| सुश्रुत - 02 | सुश्रुत - 03 |
उत्तरवस्ति में स्नेह की मात्रा:
| * चरक | अर्धपल (1/2 पल) |
| * सुश्रुत | >25 वर्ष - 1 प्रकुच्च/1पल |
| * वागभट्ट | शुक्ति प्रमाण |
| * शार्ङ्गधर | <25 वर्ष - 1/2 पल >25 वर्ष - 1 पल |
| *स्त्रियों में स्नेह की मात्रा | 1 प्रसृत |
| स्वडंगुलीमूल प्रमाण | |
| *स्त्रियों में क्वाथ की मात्रा- | |
| (सु.) वस्तिशोधनार्थ | 1 प्रसृत |
| गर्भाशय शोधनार्थ | 2 प्रसृत |
| (शIर्ङ्गधर)- वस्तिशोधनार्थ | 1 पल |
| गर्भाशयशोधनार्थ | 2 पल |
| बालकों में | 1/2 पल |
* पुरुषों में पुष्पनेत्र प्रवेश -
चरक - शेफ प्रमाण
शार्ङ्गधर, सुश्रुत - 6 अंगुल