
सुश्रुतानुसार योनिव्यापद -
वातज : उदावर्ता बन्ध्या
परिप्लुता वातजा
विप्लुता
पित्तज: पुत्रहनी प्रसं्रसिनी
वामिनी पित्तजा
लोहितक्षया
कफज: कर्णिनी अत्यानन्दा
अचरणा कफज
अतिचरणा
सन्निपातज: षडी फलिनी
विवृता सन्निपातजा
संवृता