
आयुर्वेद प्रकाश Mentioned रसाञ्जन –
द्रार्वी क्वाथं अजाक्षीरं फदं पक्वं यदा धनम्।
तथा रसाञ्जनं ज्ञेय तन्नेत्रयोः परमं हितम्।।
दारूहरिद्रा के क्वाथ में- ¼ भाग अजा/बकरी क दूध मिलाकर पाक कर घन करे।
उस लेहवत ढीला (अर्धधन) पदार्थ को बैठी थाली में फैलाकर कई दिनों तक तीक्ष्ण धूप में रखकर सूखा ले।
(आ. भावमिश्र/भावप्रकाश) – ने दारूहरिद्रा काष्ठ के यवकुट चूर्ण को 16 गुना जल- में रात्रि पर्यन्त भिगोकर मध्यमाग्नि द्वारा षोडशाशावशेष क्वाथ रहने पर स्त्रपूत कर ले। पुनः उस क्वाथ के बराबर गाय का दूध मिलाकर पाक कर गाढ़ा कर लें।फिर उसे सुखाकर रख ले- यही रसाञ्जन हैं।