स्वरस‚ हिम आदि द्रव्यों को पात्र में रखकर मन्दाग्नि पर पकाकर गाढा कर लेने को रसक्रिया/अवलेह/लेह कहते हैं।
रसक्रिया परीक्षा – तन्तुमवं‚ जलेमज्जनं‚ अप्रसरणशीललं स्पर्शे अंगुलीमुद्रा‚ गन्धोत्पति‚ वर्णोत्पत्ति रसोत्पत्ति च।
मात्रा – 1 पल