
1. मण्ड – पेय आहार में चावल के कण न हो।
2. पेया – पेय आहार में चावल में मण्ड में थोड़े चावल के कण मिले हुए हो।
''पेया लघुतरा ज्ञेया ग्राहिणी धानुपुष्टिदा
स्वेदाग्निजननी लघ्वी पीपती बस्तिशोधने।
क्षुतृदश्रमश्लानिहरी पेया वातानुलोमनी।।
3. यवागू- पेय आहार में चावल के मण्ड में चावल के कण अधिक मिले हो।
4. विलेपी- जिस पेय आहार में चावल के मण्ड कम और सिक्थ भाग अधिक हो।
विलेपी तर्पणी द्विद्या ग्राहिणी बलवर्धनी।
पथ्या स्वादुस्सा लघ्वी दोपनी क्षुतृषापद्य
तर्पणीबृहंणी हृद्या मधुरा पित्तनाशिनी
5. कृशरा- कृशगा शुकला बल्या गुरु पित्तकफप्रदा
दुर्जरा- बुद्धिविष्टम्भि मलमूत्रकरी स्मृता।।