गरविष की चिकित्सा-
1. हृदयं शोधन के लिए सूक्ष्म ताम्र रज को मधु मिलाकर चाटना।
2. हृदय शुद्ध हो जाने पर हेम (सवर्ण) चूर्ण को 1 शाण की मात्रा में चटाना चाहिए।
'न सज्जते हेमपाङ्गे विषं पद्मदलेऽम्बुवत्'