
चरक- 9 + अनिर्देश्य रस = 10
सुश्रुत – 9 + अपाकी = 10
वाग्भट्ट – 10 + अव्यक्त = 11
शार्ङ्गधर – 8
विष के गुण 'मद्य के गुणों के समान होते हैं व 'ओज' के गुणों के विपरीत होते हैं।
| रूक्ष | वात प्रकोप |
| अशीत | पित्त प्रकोप |
| सूक्ष्म | रक्त प्रकोप |
| अव्यक्त रस | कफ प्रकोप |
| तीक्ष्ण | मर्मघ्न |
| विकासी | प्राणघ्न |
| लघु | दुरूपक्रम |
| विशद | असक्तगतिदोषं |
| आशु‚ व्यवाथी | सम्पूर्ण शरीर में व्याप्त |