वाग्भट्ट, शार्ङ्गधर- मुखलेप (तीन प्रकार):
1. दोषहन – 1/4‚
2. विषहन – 1/3
3. वर्ण्यकर – ½ अंगुल
सुश्रुत – आर्द्र माहिष चर्मवत
चरक - त्रिभागाङ्गष्ठ