गोरोचन - पक्ष्मवर्धिनी रसान्जन - पक्ष्मजनन चक्षुष्य- त्रिदोषशामक, षडरस कतक- दृष्टि प्रसादक, शीतल पुष्पक- दृष्टि प्रसादक हरीतकी- विकासिनी