-सर्व प्रथम उष्ण स्नेह / गुड द्वारा दहन
-कीलिका को काटकर उन पर क्षार प्रतिसारण
-क्षार सूत्र बन्धन
-व्रण उपयोगी चिकित्सा
* स्तनकीलक की चिकित्सा - सर्वप्रथम - घृतपान
शीतसेक
विद्रधीवत् विपाटन