प्रावृत‚ शरद‚ बसंत में नस्य का प्रयोग करें। (प्रसव)
अन्य ऋतुओं में नस्य प्रयोग का काल :
ग्रीष्म – पूर्वाह्न – (वाग्भट्ट – अपराह्न)
शीत – मध्याह्न
वर्षा – दुर्दिन न हो।