सुश्रुतानुसार-
सूतिका – कुक्षिशूल रक्तमिश्रित मूत्र की प्रवृत्ति‚ उपजिह्विका
गर्भिणी- पाण्डुमुख‚ ध्मात
चरकानुसार –
सूतिका- जृम्भाक्रोध ,उपजिह्विका‚ रक्तमूत्रता
गर्भिणी – पाण्डुमुख‚ शूनौष्ठ असितेक्ष्णः