
| गो | प्रवरं जीवनीय रसायनं |
| महिष | निद्राकारक, अत्यग्नि नाशक |
| उष्ट्र | वातकफानाह क्रिमिशोफौदर अर्शघन |
| एक शफ | शाखावातहर |
| अजा | कषाय, मधुर, ग्राहि, रक्तपित्तातिसारघ्नं, क्ष्यकासज्वरापहम् |
| आवि | हिक्कश्वासकरं |
| हस्ति | बल्य, गुरु, स्थैर्यकरं परम् |
| स्त्री | नावनं रक्तपित्ते च तर्पणं अक्षिशूलिनां |