भद्रकाप्य - एकरस पक्ष
शाकुन्तेय - दो रस पक्ष
मौद्गल्य पूर्णाक्ष - तीन रस पक्ष
कौशिक हिरण्याक्ष - चार रस पक्ष
कुमारशिरा भारद्वाज - पाँच रस पक्ष
वार्योविद - छ: रस पक्ष
विदेहराज निमि - सात रस पक्ष
वडीश धामार्गव - आठ रस पक्ष
बाह्लिक देश काङ्कायन - असंख्य
पुर्नवसु आत्रेय - षड् रस