
(चरक) पुराण घृत= 10 वर्ष पुराना उग्रगंधी
प्रपुराण घृत = >10 वर्ष लाक्षारस समान, शीत
उन्माद मे पुराना घृत त्रिदोष नष्ट करता है
-: पान करने से गुण और कर्म शरीर मे अधिक होता है|
-: स्वाद कटु व तिक्त होता है|
(सुश्रुत) पुराण घृत = 10 वर्ष
कुम्भ सर्पि = 11-100 वर्ष or 111 वर्ष
महा सर्पि = इसके उपर
अरुणदत्त: पुराण घृत = 15 वर्ष
भावप्रकाश: पुराण घृत = 1 वर्ष
योग रत्नाकर: पुराण घृत = 10 वर्ष