
| सर्षपी | नातिमहति क्षिप्रपाका, महारूजा |
| - शराविका | अन्तोन्नता मध्यनिम्ना, श्याव, क्लेदरूगान्विता |
| कच्छपिका |
अवगाढर्तिनिस्तोद, महावास्तुपरिग्रहा, श्लक्ष्ण कच्छपपृष्ठभागा |
| जालिनी | स्निग्धस्रावा महाशया , रुजानिस्तोदबहुला सूक्ष्म् छिद्रा |
| अलजी | दहति त्वचमुत्थाने तृष्णामोहज्वरप्रद , विसर्पत्यनिशं |
| विनता | अवगाढ रुजा क्लेदा , महती नीला पिडका |
| विद्रधि | बाह्य व आभ्यान्तर , कण्डराभा महारुजा |